तीखी चुभती गर्म हवाएं
दिल को कभी बहुत झुलसाएं
दिल को कभी बहुत झुलसाएं
लाएं ऐसे ऐसे बवंडर
बिछुड़े लोग और भूले मंजर
बिछुड़े लोग और भूले मंजर
हर इक पल की साक्षी थीं ये
तब तो मेरी साथी थीं ये
लेकिन अब तो बैरी बन कर
आग लगाएं गर्म हवाएं
कर लूँ बंद सभी दरवाजे
मैं न सुनूं इनकी आवाजें
फिर भी कहीं से आती जाएँ
तीखी चुभती ढीठ हवाएं
इक पल इनके पीछे भागूं
दूजे पल फिर वापिस हो लूँ
पल में कहाँ कहाँ पहुंचाएं
तेज बड़ी हैं गर्म हवाएं
दिल करता है बहुत सा रो लूं
दिल के सारे ताले खोलूं
कुछ भी करूँ पर हल्की हो लूँ
बोझिल हैं ये गर्म हवाएं
तिनका तिनका कर जाएंगी
छोड़ के सब कुछ आगे जाना
चल ही दिए तो मुड़ना कैसा
नादाँ हैं ये गरम हवाएं
तब तो मेरी साथी थीं ये
लेकिन अब तो बैरी बन कर
आग लगाएं गर्म हवाएं
कर लूँ बंद सभी दरवाजे
मैं न सुनूं इनकी आवाजें
फिर भी कहीं से आती जाएँ
तीखी चुभती ढीठ हवाएं
इक पल इनके पीछे भागूं
दूजे पल फिर वापिस हो लूँ
पल में कहाँ कहाँ पहुंचाएं
तेज बड़ी हैं गर्म हवाएं
दिल करता है बहुत सा रो लूं
दिल के सारे ताले खोलूं
कुछ भी करूँ पर हल्की हो लूँ
बोझिल हैं ये गर्म हवाएं
तिनका तिनका कर जाएंगी
क्या क्या छीन के ले जाएंगी
घर से बेघर कर जाएंगी
बेपरवाह बेदर्द हवाएं
आसान नहीं होता है भुलाना बेपरवाह बेदर्द हवाएं
छोड़ के सब कुछ आगे जाना
चल ही दिए तो मुड़ना कैसा
नादाँ हैं ये गरम हवाएं
Very nice one.
ReplyDeleteThank you Jyotirmoy.
Delete